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Friday, 6 February 2015

समर का प्रश्न यही है ...

समर का प्रश्न यही है ,
राजा कौन ?
जो हाँथो में शस्त्र दे , 
या जो हाँथो को दे कटोरा ,

समानता  में  तो पूर्णता है ,
पर होते कहाँ सब समान,
न हाँथो की उँगलियाँ 
ना माता के दो पुत्र,

ये प्रकृति का नियम है ,
प्रतिस्पर्धा ही सच्चाई है ,
सामर्थ ही आगे जाता है,
साथ जग भी जी लेता है ,

कुछ को पहले उठना पड़ता ही है 
तभी पिछले जग पाते हैं,
सपने अच्छे होतें है ,
लेकिन सच्चे कितने होतें हैं ,

उठो रथ के साथ बढ़ो ,
समय अविरल है 
सूर्य क्षितिज कि ओर चला है,
फिर चाँद कटोरा लेकर, एक रात आगाज न करो ..... 
----- प्रकाश