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Thursday, 25 September 2014

लाल की खोज

लाल तो जूनून था और पीले की प्यास थी ,
भूख तो प्रबल ही थी रक्त भी दौड़ा ही था ,
कहीं मस्तिष्क की तेज थी कहीं शरीर का प्रताप था ,
दूर तो दोनों ही थे रास्ता कठीन ही था ,


एक को तो पा लिया , दूसरा स्वप्न ही है ,
यश को पाने को सफेद भी आकुल ही है ,
आज लाल मिल गया , कल काला भी खोजेंगे ,
फिर सफ़ेद , काले को पीला बनायेगे

लाल के गर्भ में पानी की तलाश थी ,
लाल के यहाँ अपनों की खोज थी ,
लाल के यहाँ नीली धरा का सपना था ,
लाल के सतह पर हरे की तमन्ना थी ,

क्या करेंगे लाल का, 
मानव को बसाएंगे , 
अपनी धरा तो बची नहीं ,
दूसरी जहाँ बसाएंगे !!!

---- प्रकाश 

लाल - मंगल ,पीला - सोना ,नीला - पानी , काला - कोयला , सफ़ेद - नेता , हरा -पौधा

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